बुद्धि बुद्धि की परिभाषा बुद्धि के प्रकार बुद्धि के सिद्धांत
बुद्धि शब्द का सर्व प्रथम प्रयोग फ्रांसिस गाल्टन के द्वारा किया गया
बुद्धि तत्व की खोज व परिभाषित करने का पहला प्रयास यूनानीयों के द्वारा किया गया यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक वाल्फ़ ने मनोविज्ञान की शाखा के रूप में शक्ति मनोविज्ञान नामक विषय बताया| आधुनिक समय में सन 1910 में इंग्लैंड, 1921 में अमेरिका, 1923 में विश्व के सभी मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि तत्व की खोज का पूर्ण प्रयास किया परंतु यह सभी असफल रहे अंत में उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में तर्क,चिंतन,अवधान जैसी कई मानसिक योग्यताएं उपस्थित रहती है इनके सामूहिक रूप को ही बुद्धि कहते हैं साधारण अर्थ में बुद्धि सोचने ,समझने ,तर्क करने व कल्पना करने की शक्ति है
बुद्धि की परिभाषाएं
- बकिंघम के अनुसार ~ सीखने की योग्यता या समायोजन करने की शक्ति ही बुद्धि है
- गार्डनर के अनुसार ~ बुद्धि विभेद करने व चयन करने की योग्यता है
- स्पीयर मेन के अनुसार~ बुद्धि तार्किक चिंतन है
- थोर्नडाईक के अनुसार ~बुद्धि अनुभव से लाभ पाने की योग्यता है
- ट्रमन और गेरिट के अनुसार ~बुद्धि अमूर्त चिंतन की योग्यता है
- अल्फ्रेड बिने के अनुसार~ बुद्धि ज्ञान,आविष्कार,निर्देशन तथा आलोचना इन चार शब्दों में निहित है
- बर्ट अनुसार बुद्धि जन्मजात मानसिक योग्यता है
- बुद्धि की विशेषताएं
- बुद्धि जन्मजात होती हैं जो वंशानुक्रम से प्राप्त होती हैं
- बुद्धि वातावरण से प्रभावित होती है
- बुद्धि व्यवहार पर नियंत्रण करती हैं
- बुद्धि समस्या समाधान करने में सहायक है
- बुद्धि लिंग भेद नहीं करती
- बुद्धि चरित्र निर्माण में सहायक है
- बुद्धि नवींन ज्ञान सीखने व चिंतन की योग्यता है
- बुद्धि विकास शील व परिवर्तन शील है
बुद्धि के प्रकार गैरेट के अनुसार बुद्धि तीन प्रकार की होती है
अमूर्त बुद्धि
बुद्धि का वह प्रकार जो संख्याओं वह अक्षरों के साथ अनुकूलन करने में सहायक होता है अर्थात जिसका संबंध पुस्तकीय ज्ञान से होता है उसे अमूर्त बुद्धि कहते हैं इसे किताबी,अपसारी ,बहुविधि या पुस्तकीय बुद्धि के नाम से भी जानते है
जैसे अध्यापक,वकील,डॉक्टर,वैज्ञानिक,कवि और लेखक
सामाजिक बुद्धि
अरस्तु के अनुसार मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है बुद्धि का वह प्रकार जो सामाजिकता के गुणों को विकसित करता है तथा मनुष्य में अच्छे सामाजिक संबंध स्थापित करने की क्षमता करता है उसे सामाजिक बुद्धि कहते हैं
नेता,अभिनेता,खिलाड़ी,सामाजिक,कार्यकर्ता,व्यापारी,दुकानदार आदि
मूर्त बुद्धि
बुद्धि का वह पर प्रकार जो कार्य को यंत्रों में मशीनों के साथ करने में रुचि रखता है मूर्त बुद्धि कहलाता है वस्तुओ को समझने तथा उनके अनुरूप क्रिया करने के लिए यांत्रिक बुद्धि प्रयुक्त होती है
जैसे मैकेनिक,इंजीनियर,कंप्यूटर कर्मी,टाइपिंग
नोट~ मूर्त बुद्धि को गामक योग्यता भी कहते हैं तथा व्यावहारिक भी
नोट शिक्षक में तीनो प्रकार की बुद्धि पाई जाती है लेकिन सामाजिक बुद्धि सर्वाधिक पाई जाती है
थोर्नडाईक के अनुसार बुद्धि तीन प्रकार की होती है
- अमूर्त बुद्धि
- सामाजिक बुद्धि और
- यांत्रिक बुद्धि
वर्नन के अनुसार तीन प्रकार की बुद्धि होती है
- जैविक बुद्धि
- मनोवैज्ञानिक बुद्धि
- संक्रियात्मक बुद्धि
फ्रीमैन के अनुसार
- सीखने की योग्यता
- समस्या समाधान की योग्यता
- सामान्य शक्तियों के पुंज की योग्यता
- अमूर्त चिंतन की योग्यता
बुद्धि के सिद्धांत
संकायवादी सिद्धांत ~थॉमस रीड
थॉमस रीड के अनुसार व्यक्ति के मस्तिष्क में कुल 30 मानसिक योग्यताएं पाई जाती है समस्या समाधान के समय यह सभी योग्यताएं एक दूसरे से जुड़ जाती है और इनके सामूहिक रूप को ही बुद्धि कहते हैं
प्रतिदर्श सिद्धांत ~ थॉमसन 1955
थॉमसन के अनुसार व्यक्ति के मस्तिष्क में कई मानसिक योग्यताएं उपस्थित होती हैं किसी समस्या के समाधान के लिए इन सभी योग्यताओं में से थोड़ा-थोड़ा अंशु नवीन योग्यताओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है परंतु समस्या समाधान होते ही यह नवनिर्मिति योगिता श्वेत विखंडित हो जाती है
एक तत्व का सिद्धांत ~ अल्फ्रेड बिने 1911
बिंने के अनुसार बुद्धि में केवल एक सामान्य मानसिक योग्यता पाई जाती है जिसे GENREL या सामान्य योग्यता कहते हैं समस्त शक्तियां G में समाहित रहती है सामान्य योग्यता जन्मजात व प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न-भिन्न मात्रा में पाई जाती है इनका विभाजन नहीं किया जा सकता इसलिए इसे अविभाज्य इकाई कहा जाता है
इस सिद्धांत को जोनसन ने निरंकुश वादी सिद्धांत कहा है
इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि को एक अविभाजित इकाई माना गया है
द्वि तत्व का सिद्धांत~ स्पीयर मैन 1904
इनके अनुसार बुद्धि को दो भागों में बांटा गया
सामान्य बुद्धि (G) और
विशिष्ट बुद्धि (S)
स्पीयर मेन के अनुसार सामान्य तत्व एक विषय से दुसरे विषय में हस्तातंरित हो सकते है स्पीयर मेन के अनुसार समान्य तत्व ही मानसिक शक्ति है
सामान्य बुद्धि जन्मजात वंशानुगत पाई जाती है विशिष्ट बुद्धि अर्जित होती है व वातावरण पर भी निर्भर करती है जिस व्यक्ति में जितना अधिक सामान्य फेक्टर होगा वह उतना ही अधिक बुद्धिमान होगा
सामान्य तत्व की विशेषताएं
- स्पीयर मैन के अनुसार सामान्य योग्यता सभी व्यक्तियों में कम यां अधिक मात्रा में आवश्यक रूप में विद्यमान रहती है
- सामान्य तत्व जन्मजात होता है
- यह मानसिक कार्यों में प्रयोग किया जाता है
- अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग मात्रा पाई जाती है
- सभी विषय में सफलता दिलाने में सामान्य योग्यता का अहम योगदान रहता है
- सामान्य तत्व प्रत्येक व्यक्ति में एक होता है
विशिष्ट तत्व या विशिष्ट योग्यता
- एक व्यक्ति में एक से अधिक विशिष्ट योग्यताएं पाई जा सकती हैं
- एक विषय से दूसरे विषय में स्थानांतरित नहीं होती
- इनका संबंध कल्पनात्मक योग्यताओं से होता है जैसे चित्रकार क्रिकेटर
- जिस व्यक्ति में विशिष्ट तत्व सर्वाधिक होते हैं वह व्यक्ति क्षेत्र में सर्वाधिक सफलता अर्जित करता है
- विशिष्ट योग्यता अर्जित की जाती है
त्रि तत्व का सिद्धांत स्पीयर मैन
त्रि तत्व की आलोचना के बाद स्पीयर मैंने बुद्धि के दो तत्वों के स्थान पर तीन तत्व बताएं तीसरे तत्व को समूह तत्व या समूह खंड नाम दिया दैनिक जीवन में कुछ ऐसे कार्य भी होते हैं जो G से अधिक और S से कम महत्वपूर्ण होते हैं ऐसे कार्यों को करने के लिए G और S के मध्य तीसरा तत्व उपस्थित रहता है जिसे समूह तत्व GROUP FACTOR कहते हैं इसे 2 G का सिद्धांत भी कहा जाता है
स्पीयर मेन के अनुसार बुद्धि तार्किक चिन्तन है
बहु तत्व का सिद्धांत ~थार्नडाइक
थार्नडाइक के अनुसार व्यक्ति के मस्तिष्क में कई मानसिक योग्यताएं पाई जाती हैं ये तत्व एक दुसरे से पुर्णतः स्वतंत्र होते है जिनकी संख्या छह होती हैं
- अंक योग्यता
- शब्द योग्यता
- तर्क योग्यता
- चिन्तन योग्यता
- स्मरण योग्यता
- स्थान योग्यता
इस सिद्धांत को भूखंड का सिद्धांत भी कहते हैं यह सभी योग्यताएं मस्तिष्क में स्वतंत्र रूप से विचरण करती है समस्या समाधान के समय यह सभी योग्यताएं एक दूसरे से जुड़ जाती हैं और इनके सामूहिक रूप से ही बुद्धि का निर्माण होता है यह सभी योग्यताएं निश्चित मात्रा में उपस्थित रहती हैं इसीलिए इसे मात्रा सिद्धांत भी कहते हैं जिस प्रकार बालू के टीले में ऊंचाई चौड़ाई गति क्षेत्रफल आदि गुण पाए जाते हैं उसी प्रकार यह सभी गुण इन योग्यताओं में भी उपस्थित रहते हैं इसीलिए इसे बालू का सिद्धांत भी कहते हैं इसे परमाणु सिद्धांत भी कहा जाता है
त्रिआयामी सिद्धांत जेपी गिलफोर्ड 1967
इस सिद्धांत को बुद्धि संरचना व 3D थ्योरी भी कहते हैं गिलफोर्ड ने अपने सिद्धांत का उल्लेख घनाभ की आकृति पर किया गिल्फोर्ड के अनुसार सृजनशील में अभिसारी चिंतन पाया जाता है जबकि सामान्यतः सृजनशील बालक में अपसरी चिंतन होता है गिल्फोर्ड ने सामान्य तत्व को नकारते हुवे बुद्धि में त्रि तत्व की व्याख्या की
- विषय वस्तु
- मानसिक संक्रिया
- उत्पाद
सन 1967 मे गिलफोर्ड ने अपने सिद्धांत में 4 * 5 * 6=120 तत्व बताएं परंतु 1985 -86 में अपने सिद्धांत को परिवर्तन करते हुए 5 * 6 * 6=180 निर्धारण तय किया
समूह तत्व का सिद्धांत ~ थरस्टन व केली
केली ने सर्वप्रथम अपनी पुस्तक क्रॉस रोड्स इन द माइंड ऑफ मैन में बताया कि प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में 9 P.M.A.( प्राथमिक मानसिक योग्यता) उपस्थित रहती हैं केली के अधूरे सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए रस्टम ने कहा की प्राथमिक मानसिक योग्यता के अलावा चार द्वितीयक योग्यताएं भी पाई जाती हैं जोकि अत्यंत ही जटिल परिस्थितियों में काम आती है
बुद्धि में कुल तत्व/खंडों की संख्या 9 + 4 =13 होती हैं
थरस्टन के अनुसार प्राथमिक मानसिक योग्यताएं
- अंक योग्यता
- शब्द योग्यता
- स्थान योग्यता
- तर्क योग्यता
- स्मरण योग्यता
- प्रत्यक्षिकरण योग्यता
- वाक योग्यता
बहु बुद्धि सिद्दांत ~गार्डनर 1993
- संगीत योग्यता – गायक ,संगीतकार
- भाषा योग्यता -लेखक ,पत्रकार ,कवि ,वक्ता ,व्याख्यता
- स्थान व दिशा योग्यता -इंजिनियर ,आर्केटेक्चर , मूर्तिकार
- दिशा – पायलेट ,नाविक ,पण डुब्बी
- शरीर गतिक – धावक ,मुक्केबाज ,शल्य चिकित्सिक
- राजनेतिक – सामाजिक कार्यकर्ता ,मनोवैज्ञानिक
- प्राकृतिक – शिकारी ,किसान ,कृषि विज्ञानी
गेस्टाल्ट सिद्धांत ,पुनर्बलन का सिद्धांत,सामाजिक अधिगम सिद्धांत
अधिगम स्थानान्तरण परिभाषा~अर्थ~प्रकार~वक्र व पठार
मनोविज्ञान, शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सम्प्रदाय,शिक्षा मनोविज्ञान की अध्ययन पद्धतियां