शब्द विचार
अविकारी या अव्यय शब्द :
परिभाषा :-
वे शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक,काल के अनुसार कोई विकार उत्पन्न नहीं होता है अर्थात् इन शब्दों का रूप सदैव वही बना रहता है ऐसे शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहते हैं । अविकारी शब्दों में क्रिया विशेषण, सम्बन्ध बोधक अव्यय, समुच्चय बोधक अव्यय तथा विस्मयादिबोधक अव्यय आदि के शब्द आते हैं ।
1. क्रिया विशेषण
परिभाषा :-
वे अविकारी या अव्यय शब्द, जो किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं, ऐसे शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं ।
क्रिया विशेषण के प्रकार :-
क्रिया विशेषण शब्द मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं, परन्तु कतिपय विद्वान इसके भेद निम्नानुसार करते हैं –
(i) काल बोधक क्रिया विशेषण
(ii) स्थान बोधक क्रिया विशेषण
(iii) परिमाण बोधक क्रिया विशेषण
(iv) रीति बोधक क्रिया विशेषण
(v) कारण बोधक क्रिया विशेषण
(vi) स्वीकार बोधक क्रिया विशेषण
(vii) निषेध बोधक क्रिया विशेषण
(viii) प्रश्न वाचक क्रिया विशेषण
(ix) निश्चय बोधक क्रिया विशेषण व
(x) अनिश्चय बोधक क्रिया विशेषण ।
(i) काल बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने या करने के समय का बोध कराते हैं, उन्हें काल बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – कब, जब, कल, आज, प्रतिदिन, प्रायः, सायं, अभी-अभी, लगातार, अब, तब, पहले, बाद में आदि ।
(ii) स्थान बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के स्थान या दिशा का बोध कराते हैं, उन्हें स्थान बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – ऊपर, नीचे, पास, दूर, इधर, उधर, यहाॅं, वहाॅं, जहाॅं, तहाॅं, दाऍं, बाऍं, निकट, सामने, अंदर, बाहर आदि ।
(iii) परिमाण बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने की मात्रा या परिमाण का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाण बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – बहुत, अति, सर्वथा, कुछ, थोड़ा, बराबर, ठीक, कम, अधिक, बढ़कर, थोड़ा-थोड़ा, उतना, जितना, खूब आदि ।
(iv) रीति बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने की रीति या ढंग का बोध कराते हैं, उन्हें रीति बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे – धीरे-धीरे, सहसा, शीघ्र, तेज, मीठा, शायद, मानो, ऐसे, अचानक, स्वयं, यथाशक्ति, निःसंदेह आदि ।
(v) कारण बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के कारण को प्रकट करते हैं, उन्हें कारण बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – इस तरह, अतः, किस प्रकार आदि ।
(vi) स्वीकार बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया की स्वीकृति को प्रकट करते हैं, उन्हें स्वीकार बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – अवश्य, बहुत अच्छा आदि ।
(vii) निषेध बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के निषेध को प्रकट करते हैं, उन्हें निषेध बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – न, नहीं, मत आदि ।
(viii) प्रश्न वाचक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के प्रश्न को प्रकट करते हैं, उन्हें प्रश्न वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – कहां, कब आदि ।
(ix) निश्चय बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के निश्चय को प्रकट करते हैं, उन्हें निश्चय बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – वास्तव में, मुख्यतः आदि ।
(x) अनिश्चय बोधक क्रिया विशेषण :-
वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के अनिश्चय को प्रकट करते हैं, उन्हें अनिश्चय बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – शायद, संभवतः आदि ।
नोट :-
क्रिया- विशेषण और सम्बन्ध- बोधक अव्यय में अन्तर – जैसे- आगे, पीछे, नीचे आदि शब्द ऐसे हैं जो क्रिया विशेषण भी हैं तथा सम्बन्ध बोधक अव्यय भी । यदि इन शब्दों का प्रयोग क्रिया की विशेषता प्रकट करने के लिए होगा तो ये शब्द क्रिया विशेषण कहलायेंगेे, किंतु जब इन शब्दोंं का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का सम्बन्ध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताने के लिए किया जाता है, तो इन्हें सम्बन्ध बोधक अव्यय कहेंगे ।
2. समुच्चय बोधक अव्यय :
परिभाषा :-
वे अव्यय शब्द, जिनका प्रयोग दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता हैं, ऐसे शब्दों को समुच्चय बोधक अव्यय या संयोजक शब्द कहते हैं ।
समुच्चय बोधक अव्यय के प्रकार :-
समुच्चय बोधक अव्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं –
(i) संयोजक व
(ii) विभाजक ।
(i) संयोजक :-
वे अव्यय शब्द, जो दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ते हैं, उन्हें संयोजक समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे – और, तथा, एवं, तो, जो, फिर, यथा, यदि, पुनः, इसलिए, कि, मानो आदि ।
(ii) विभाजक :-
वे अव्यय शब्द, जो दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों में विभाजन का बोध कराते हैं, उन्हें विभाजक समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं ।
जैसे – किन्तु, परन्तु, पर, वरना, बल्कि, अपितु, क्योंकि, या, चाहे, ताकि, यद्यपि, अन्यथा आदि ।
3. सम्बन्ध बोधक अव्यय :
परिभाषा :-
वे अव्यय शब्द, जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ लगकर उसका सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों से बताते हैंं, उन्हें सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते हैं ।
सम्बन्ध बोधक अव्यय के प्रकार :-
सम्बन्ध बोधक अव्यय निम्नलिखित दस प्रकार के होते हैं –
(i) काल वाचक :- पीछे, उपरान्त, आगे, पहले आदि ।
(ii) स्थान वाचक :- सामने, भीतर, निकट, यहाॅं आदि ।
(iii) दिशा वाचक :– आसपास, ओर, पार, तरफ आदि ।
(iv) समता वाचक :- भाॅंति, समान, तुल्य, योग आदि ।
(v) साधन वाचक :- द्वारा, सहारे, माध्यम आदि ।
(vi) विषय वाचक :- भरोसे, बाबत, विषय, नाम आदि ।
(vii) विरुद्ध वाचक :- विपरीत, विरुद्ध, खिलाफ, उलटे आदि ।
(viii) संग वाचक :- साथ, संग, सहचर आदि ।
(ix) हेतु वाचक :- सिवा, लिए, कारण, वास्ते आदि ।
(x) तुलना वाचक :- अपेक्षा, आगे, सामने आदि ।
4. विस्मयादिबोधक अव्यय :
परिभाषा :-
वे अव्यय शब्द, जो आश्चर्य, विस्मय, शोक, घृणा, प्रशंसा, प्रसन्नता, भय आदि भावों का बोध कराते हैं, उन शब्दों को विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द कहते हैं ।
विस्मयादिबोधक अव्यय के प्रकार :-
उक्त सभी भावों के अनुसार विस्मयादिबोधक अव्यय के निम्न भेद किए जाते हैं –
(i) आश्चर्य बोधक :- क्या, अरे, अहो, हैं, सच, ओह, ओहो, ऐं आदि ।
(ii) शोक बोधक :- उफ़, आह, हाय, हे राम, राम- राम आदि ।
(iii) हर्ष बोधक :- वाह, धन्य, यह आदि ।
(iv) प्रशंसा बोधक :- शाबाश, वाह, अति सुंदर आदि ।
(v) क्रोध बोधक :- अरे, चुप आदि ।
(vi) भय बोधक :- हाय, बाप रे आदि ।
(vii) चेतावनी बोधक :- खबरदार, बचो, सावधान आदि ।
(viii) घृणा बोधक :- छि: छि:, धिक्कार, उफ्, धत्, थू – थू आदि ।
(ix) इच्छा बोधक :- काश, हाय आदि ।
(x) सम्बोधन बोधक :- अजी, हे, अरे, सुनते हो आदि ।
(xi) अनुमोदन बोधक :- अच्छा, हाॅं, हाॅंं- हाॅंं, ठीक आदि ।
(xii) आशीर्वाद बोधक :- शाबाश, जीते रहो, खुश रहो, प्रसन्न रहो, फलो- फूलो आदि ।
🔹🔷 पुनरावृति एवं अभ्यास 🔷🔹
अविकारी या अव्यय शब्द :-
वे शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक,काल के अनुसार कोई विकार उत्पन्न नहीं होता है अर्थात् इन शब्दों का रूप सदैव वही बना रहता है ऐसे शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहते हैं । अविकारी शब्दों में क्रिया विशेषण, सम्बन्ध बोधक अव्यय, समुच्चय बोधक अव्यय तथा विस्मयादिबोधक अव्यय आदि के शब्द आते हैं ।
1. क्रिया विशेषण :- वे अविकारी या अव्यय शब्द, जो किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं, ऐसे शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं ।
क्रिया विशेषण शब्द मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं, परन्तु कतिपय विद्वान इसके भेद निम्नानुसार करते हैं –
(i) काल बोधक क्रिया विशेषण :- वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने या करने के समय का बोध कराते हैं, उन्हें काल बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – कब, जब, आज, सायं, अभी-अभी, लगातार, तब, पहले, बाद में आदि ।
(ii) स्थान बोधक क्रिया विशेषण :- वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के स्थान या दिशा का बोध कराते हैं, उन्हें स्थान बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – ऊपर, दूर, इधर, यहाॅं, जहाॅं, दाऍं, बाऍं, निकट, बाहर आदि ।
(iii) परिमाण बोधक क्रिया विशेषण :- वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने की मात्रा या परिमाण का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाण बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं ।
जैसे – बहुत, अति, थोड़ा, बराबर, ठीक, कम, अधिक, बढ़कर, जितना, खूब आदि ।
(iv) रीति बोधक क्रिया विशेषण :- वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने की रीति या ढंग का बोध कराते हैं, उन्हें रीति बोधक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे – धीरे-धीरे, शीघ्र, शायद, ऐसे, अचानक, स्वयं, यथाशक्ति, निःसंदेह आदि ।
(v) कारण बोधक क्रिया विशेषण :- इस तरह, किस प्रकार आदि ।
(vi) स्वीकार बोधक क्रिया विशेषण :- अवश्य, बहुत अच्छा आदि ।
(vii) निषेध बोधक क्रिया विशेषण :- न, नहीं, मत आदि ।
(viii) प्रश्न वाचक क्रिया विशेषण :- कहां, कब आदि ।
(ix) निश्चय बोधक क्रिया विशेषण :- वास्तव में, मुख्यतः आदि ।
(x) अनिश्चय बोधक क्रिया विशेषण :- शायद,संभवतः आदि।
2. समुच्चय बोधक अव्यय :- वे अव्यय शब्द, जिनका प्रयोग दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता हैं, ऐसे शब्दों को समुच्चय बोधक अव्यय या संयोजक शब्द कहते हैं ।
समुच्चय बोधक अव्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं –
(i) संयोजक :- और, तथा, एवं, यथा, यदि, पुनः, इसलिए, कि, मानो आदि ।
(ii) विभाजक :-किन्तु, परन्तु, पर, क्योंकि, या, चाहे, ताकि, यद्यपि, अन्यथा आदि ।
3. सम्बन्ध बोधक अव्यय :- वे अव्यय शब्द, जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ लगकर उसका सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों से बताते हैंं, उन्हें सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते हैं ।
सम्बन्ध बोधक अव्यय निम्नलिखित दस प्रकार के होते हैं ।
(i) काल वाचक ,(ii) स्थान वाचक ,(iii) दिशा वाचक ,(iv) समता वाचक , (v) साधन वाचक ,(vi) विषय वाचक ,(vii) विरुद्ध वाचक ,(viii) संग वाचक ,(ix) हेतु वाचक , (x) तुलना वाचक ।
4. विस्मयादिबोधक अव्यय :- वे अव्यय शब्द, जो आश्चर्य, विस्मय, शोक, घृणा, प्रशंसा, प्रसन्नता, भय आदि भावों का बोध कराते हैं, उन शब्दों को विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द कहते हैं ।
उक्त सभी भावों के अनुसार विस्मयादिबोधक अव्यय के निम्न भेद किए जाते हैं –
(i) आश्चर्य बोधक ,(ii) शोक बोधक ,(iii) हर्ष बोधक , (iii) प्रशंसा बोधक ,(v) क्रोध बोधक ,(vi) भय बोधक , (vii) चेतावनी बोधक ,(viii) घृणा बोधक ,(ix) इच्छा बोधक ,(x) सम्बोधन बोधक ,(xi) अनुमोदन बोधक ,(xii) आशीर्वाद बोधक ।