गेस्टाल्ट थ्योरी
गैस्टॉट का अर्थ पूर्ण/पूर्णाकार/समग्राकृति का सिद्धांत है गेस्टाल्ट शब्द जर्मनी भाषा का है जिसका अर्थ होता है अवलोकन करना या प्रत्यक्षीकरण करना ! गेस्टाल्ट शब्द का प्रादुर्भाव जर्मनी में मैक्स वर्दिमर के द्वारा 1913 में किया गया वर्दिमर ने अपनी पुस्तक प्रोटेक्शन थिंकिंग और फिनोमीना सिद्धांत का वर्णन किया है
प्रत्यक्षीकरण का विचार सर्वप्रथम गेस्टाल्ट वादी मनोवैज्ञानिकों के द्वारा ही दिया गया ! पूर्ण से अंश की ओर शिक्षण सूत्र गेस्टाल्ट संप्रदाय की ही देन है गेस्टाल्ट मनोविज्ञान के अंतर्गत अंश को समझने से पहले पूर्ण को समझना अनिवार्य है अर्थात पूर्ण का महत्व अधिक है अंश का बाद में है गेस्टाल्ट थ्योरी का सर्वप्रथम प्रयोग मेक्स वर्दिमर के द्वारा किया गया इसे आगे बढ़ाया कोफ्का ,कोहलर ने ! गेस्टाल्ट सिद्धांत के अंतर्गत ही शिक्षा में खोज विधि,विश्लेषण विधि तथा समस्या समाधान विधि का जन्म लिया !
अंतर्दृष्टि सूझ का सिद्धांत
प्रतिपादक ~ कोहलर
उपनाम
- गेस्टाल्ट अधिगम सिद्धांत
- लर्निंग ऑफ इंसेट थ्योरी
- पूर्णाकार वाद का सिद्धांत
- समग्राकृति वाद का सिद्धांत
कोहलर के अनुसार व्यक्ति प्रयत्न के द्वारा नहीं बल्कि अंतर्दृष्टि,सूझ/बूझ के द्वारा सीखता है कोहलर ने अपना प्रयोग सुल्तान नामक चिम्पंजी पर किया इस सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति के समक्ष नवीन परिस्थितियां आने पर वह उसके अनुसार व्यवहार करने का प्रयास करता है उचित व्यवहार करने में अपने आप को असमर्थ पाता है तो निष्क्रिय होने लगता है वह उस नवीन परिस्थितियों का समग्र पूर्ण रूप से प्रत्यक्षीकरण अवलोकन करता है उसे समझने की कोशिश करता है तो अचानक से समस्या का समाधान उसके मस्तिष्क में उत्पन्न होता है इसी कारण से इसे अहा का सिद्धांत भी कहा जाता है इसे अंतर्दृष्टि सूझ बूझ का सिद्धांत भी कहते है
कोहलर ने सूझ विकसित करने के लिए पांच चरण बताएं
लक्ष्य >बाधा > तनाव> संगठन> पुनः संगठन
कोहलर का प्रयोग
सुल्तान > बोक्स > केले
सुल्तान > छड़ी > केले
अंतर्दृष्टि द्वारा सीखने की विशेषताएं
- इस विधि के द्वारा समस्यात्मक परिस्थिति का अवलोकन किया जाता है
- सूझ का संबंध बुद्धि से होता है
- सूझ का संबंध आयु से होता है
- सूझ की उत्पत्ति अचानक से होती है
- सीखने की प्रक्रिया में अहा का अनुभव सीखने के लिए पूर्ण प्रत्यक्षीकरण आवश्यक
- सूझ के द्वारा प्राप्त ज्ञान स्थाई होता है
सिद्धांत का शैक्षिक महत्व
- अचानक समस्या का समाधान मस्तिष्क में आना अंतर्दृष्टि,अनुभव का सिद्धांत कहलाता है
- सूझ आकस्मिक होती
- कोहलर के अंतर्दृष्टि सिद्धांत आगमन विधि पर आधारित माना जाता है
- कोहलर का सिद्धांत उदाहरण से नियम की ओर शिक्षण सूत्र पर आधारित माना गया है
- पूर्ण से अंश की और शिक्ष्ण सूत्र का प्रतिपादन करता है
- समग्र अवलोकन पर बल देता है
- पाठ्यक्रम का निर्माण इसी सिद्धांत पर आधारित है
सिद्धांत का शैक्षिक महत्व
- यह सिद्धांत विभिन्न विषयों से संबंधित करके पढ़ाने पर बल देता है
- समझ के सीखने पर बल देता है स
- समस्या समाधान की योग्यता विकसित होती है
- यह कठिन विषय जैसे गणित,भौतिक,विज्ञान,अर्थशास्त्र आदि के शिक्षण में उपयोगी है
पुनर्बलन का सिद्धांत
पुनर्बलन सिद्धांत के प्रवर्तक क्लार्क हल है ! इन्होंने यह सिद्धांत 1915 में दिया हल केअनुसार आवश्यकता पूर्ति का आधार होती है ! लेकिन इस आवश्यकता पूर्ति के दोरान मिलने वाला पुनर्बलन सर्वाधिक महत्व पूर्ण होता है !यदि पुनर्बलन सकारात्मक है तो अधिगम भी तीव्र गति से होता है !
अन्य नाम
- प्रबलन का सिद्धांत
- संबंध व्यवहार का सिद्धांत
- क्रमबंध व्यवहार का सिद्धांत
इस सिद्धांत का संसोधन 19 51 में किया गया ! हल ने अपनी पुस्तक व्यवहार के सिद्धांत/ प्रिंसिपल ऑफ बिहेवियर में इसका प्रतिपादन किया! हल के अनुसार सीखना आवश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया है ! पुनर्बल का सिद्धांत व्यक्तिगत सिद्धांत पर बल देता है !
क्लार्क हल ने अपना सिद्धांत चूहे पर दिया यह सिद्दांत थोर्न डाइक के प्रभाव के नियम तथा पावलाव के अनुकूलित अनुक्रिया का मिश्रित रूप है ! हल ने सर्वाधिक बल पुनर्बल पर दिया है इसी के कारण इसे पुनर्बलन का सिद्धांत भी कहते है !
संकेत अधिगम का सिद्धांत 1919
प्रतिपादक ~एडवर्ड ली टोलमैंन 1919
उपनाम ~
- उद्देश्यवाद का सिद्दांत
- प्रतीक /चिह्न अधिगम का सिद्धांत
- सम्भावना अधिगम का सिद्धांत
टालमैन के अनुसार सीखना उद्देश्यपूर्ण है टोलमैन का दृष्टिकोण प्रयोजनवादी था टालमैंन ने अपना प्रयोग चूहों पर किया टालमेन के अनुसार व्यक्ति गति या श्रंखला से नहीं बल्कि चिन्हों के द्वारा सीखता है
क्षेत्रीय अधिगम का सिद्धांत
प्रतिपादक ~ कुर्ट लेविन (1917)
उपनाम
- तलरूप सिद्धांत
- FIELD THEORY
- यह सिद्धांत प्रेरणा को महत्वपूर्ण मानते हुए व्यवहार पर बल देता है कुर्ट लेविन ने अपने सिद्धांत में संपूर्ण जीवन को अधिगम का आधार माना है व्यक्ति के जीवन में आने वाली सम विषम परिस्थितियां व्यक्ति को सिखाने का कार्य करती है
कुर्ट लेविन ने सीखने की प्रक्रिया में तीन महत्वपूर्ण तत्व माने हैं
लक्ष्य ~ भर्त्सना ~ अवरोध
नोट~
- कुर्त लेविन को गेस्टाल्ट वादी मनोवैज्ञानिक माना जाता है
- कुर्ट लेविन को क्षेत्र मनोविज्ञान का जनक माना जाता है
सामाजिक अधिगम का सिद्धांत ~अल्बर्ट बांडूरा
बंडूरा के अनुसार बाल सीखने के तरीके माता-पिता व शिक्षा का सर्वाधिक योगदान होता है बालक दूसरे के व्यवहार को देख कर सीखता है इसी लिए सामाजिक अधिगम का सिद्धांत कहते हैं
सीखने की प्रक्रिया में 4 तत्व महत्वपूर्ण है
- अवधान
- धारणा
- पुनः प्रस्तुतीकरण
बंडूरा के अनुसार समाज में रहते हुए बालक समाज के लोगों के व्यवहार के अनुकरण से सीखता है यही सामाजिक अधिगम सिद्धांत कहलाता है
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मनोविज्ञान, शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सम्प्रदाय,शिक्षा मनोविज्ञान की अध्ययन पद्धतियां
विज्ञान शिक्षण विधियां पार्ट 2