Conjunctivitis – कंजक्टिवाइटिस इसके क्या कारण हैं, इसके लक्षण, इससे बचाव कंजेक्टिवाइटिस को पिंक आई गुलाबी आंखें भी कहा जाता है। कंजेक्टिवा एक पतला उत्तक होता है। जो पलकों के अंदरूनी हिस्से को डरता है। यह एलर्जी व संक्रमण के कारण सूजन आने के कारण होता है। इसके कारण आंखें गुलाबी य लाल दिखाई देने लगती हैं। कंजेक्टिवाइटिस आंखों को प्रभावित करता है।
क्या हैं ? कंजक्टिवाइटिस | What Is Conjunctivitis
कंजक्टिवाइटिस आंखों की एक बीमारी हैं, इस बीमारी को आंख आना या पिंक आई कहते हैं। कंजक्टिवाइटिस होने पर आंखें लाल हो जाती है। आँखों में सूजन आने लगती है आज इस ब्लॉग पोस्ट के अंतर्गत हम कंजेक्टिवाइटिस के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे Conjunctivitis – कंजक्टिवाइटिस
वायरल : कंजक्टिवाइटिस
कंजंक्टिवाइटिस क्या है ?
कंजेक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आंखों की बीमारी है। जिसे आंखों का आना या पिंक आई या आंखों का गुलाबी होना भी कहते हैं। इसके कारण आंखें लाल हो जाती है। आंखों में सूजन आने लगता है। यह बीमारी एलर्जी के संक्रमण के कारन होता है। कंजेक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) एक या दोनों आंखों में भी हो सकता है। कंजेक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। कंजेक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के पेशेंट को काले रंग का चश्मा पहने तथा वह भीड़ भाड़ इलाकों से दूर रहे व अन्य व्यक्ति से आंखों का संपर्क न करें। एक कंजंक्टिवा पारदर्शी पतली टिशू होती है। जो आंख के सफेद भाग के बाहरी सतह और पलकों के अंदरूनी सतह को कवर करने का कार्य करती है मानव आंखों की पलकों को नम रखने में सहायता प्रदान करती है।
Conjunctivitis – क्या है कंजंक्टिवाइटिस , इसके क्या कारण हैं
Kiya Hain Conjunctivitis , How To Home Remedies Of Eye Flu , Eye Flu Kiya Hain , Eye Flu Se Kaise Bache , How TO Prevention Eye Flu कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी या संक्रमण के द्वारा होता है यह संक्रमण वायरल या बैक्टीरियल दोनों किसी भी प्रकार से हो सकता है।
- कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखें लाल होने के साथ ही उसमें सूजन हो जाती हैं।
- संक्रमण एलर्जी के कारण यह संभव है।
- नवजात शिशुओं में अश्रु नलिका बंद होने के कारण कंजेक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है।
क्या है कंजंक्टिवाइटिस इसके लक्षण, इससे बचाव
यह बीमारी तब होती है जब आंख एक भाग कंजेक्टिवा में एलर्जी या संक्रमण के कारण सूजन आ जाती हैं।
कंजेक्टिवा पारदर्शी और पतली टिशू होती हैं, जो आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह और पलकों के साथ अंदरूनी सतह को कवर करती हैं।
- यह बीमारी एक आंख या दोनों आंखों में हो सकती हैं,
- इसलिए इससे बचाव करना बहुत ही जरूरी हैं।
- एवं एक प्रकार की संक्रामक बीमारी हैं, किसी के संक्रमण में आने से यह बीमारी जल्द फैल जाती हैं।
- असामान्य रूप से आंसू आना व आंखों में किरकिरी महसूस करना
- आंखों में जलन या खुजली का महसूस होना
कंजक्टिवाइटिस के प्रकार | Types Of Conjunctivitis
- एलर्जी कंजंक्टिवाइटिस
- केमिकल कंजंक्टिवाइटिस
- इनफेक्शियस कंजंक्टिवाइटिस
- वायरल कंजेक्टिवाइटिस
- बैक्टीरियल कंजेक्टिवाइटिस
कंजक्टिवाइटिस के प्रमुख लक्षण
कंजेक्टिवाइटिस आंखों का रोग के प्रमुख लक्षण हम यहां पर बता रहे हैं निम्न लक्षण होने पर अपने नजदीकी नेत्र चिकित्सक के पास में जाएं
- आंखों का लाल होना।
- आंखों से पानी आना।
- आंखों में खुजली होना।
- आंखों में दर्द।
- ज्यादा लाइट से परेशानी होना ।
- आंखों से पीला पीला पानी।
- रोशनी से दिक्कत महसूस होना।
कंजंक्टिवाइटिस के प्रमुख कारण
- धूल के कण
- स्विमिंग पूल में मौजूद क्लोरीन
- वायु प्रदूषण
- एडेनोवायरस के संक्रमण
- संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से
- पुराने गंदे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स
- दूषित स्विमिंग पूल में तैरना
- संक्रमित तोलिया का उपयोग
कंजक्टिवाइटिस से बचाव | Prevention To Conjunctivitis
कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के कई तरीके हैं, कोई विशेष तरीका इसके लिए नहीं है क्योंकि आंखों में होने वाली यह परेशानी कई अलग-अलग स्रोतों के जरिए हो रही है। लेकिन इसके बस आप के कई तरीके हैं जिसका पालन करके आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
- बार-बार हाथ को धोना
- आंखों को छूने या रगड़ने से बचें
- संक्रमित व्यक्तियों से दूरी
- मोबाइल टीवी नहीं देखना
- ज्यादा रोशनी को नहीं देखना
- स्विमिंग पूल में स्नान करने से बचना या तैराकी वाले चश्मा पहनना
- किसी से आई टुआई कनेक्ट नहीं होना।
कंजेक्टिवाइटिस के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इससे प्रभावित मरीज 7 दिन से लेकर 2 सप्ताह तक अपने आप ठीक हो जाता है। वार्म कंप्रेस अर्थात कपड़े को हल्के गर्म पानी में डुबोकर आंखों पर रखने से थोड़ा आराम मिलता है। कंजेक्टिवाइटिस में आई ड्रॉप्स इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन यदि कंजेक्टिवाइटिस मरीज हैं, तो हम आपको यही हिदायत देंगे कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह पर इलाज लेना चाहिए।
यह पोस्ट आप अपने सभी मित्रों के पास में अवश्य भेजें जिससे वह भी इस कंजेक्टिवाइटिस से प्रभावित होने से बच सकें व सतर्क रहें 🤗