Aachar Sanhita impact on Rajasthan राजस्थान में आचार संहिता का प्रभाव : जैसा कि आप सभी को पता ही है चुनाव में कुछ समय बाकी है। आचार संहिता की उल्टे गिनती शुरू हो चुकी है। राजस्थान में आचार संहिता 10 अक्टूबर तक कभी भी लग सकती है। आचार संहिता लगने से पूर्व राज्य की तमाम जनता, कार्मिक व अन्य के मध्य में बहुत से सवाल है। आज हम इस आर्टिकल में इन सभी प्रश्नों पर चर्चा करने वाले है।
राजस्थान में 10 अक्टूबर तक कभी भी आचार संहिता लगने वाली है। इसके साथ में ही विभिन्न वर्ग के लोगों के मध्य विभिन्न प्रकार के सवाल मन में उपज रहे हैं। जैसे आचार संहिता में दिवाली बोनस, एक लाख भारतीयों का वर्गीकरण, तीन नए जिला का उदय, शिक्षक ट्रांसफर जैसे तमाम सवालों पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगा हुआ है।
Third Grade Teacher Transfer / तृतीय श्रेणी शिक्षक ट्रांसफर
पिछले साढ़े चार वर्ष में सबसे ज्यादा तृतीय श्रेणी के साथ में अन्याय हुआ है क्योंकि शिक्षा मंत्री व स्वयम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षकों को बार-बार ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की बात पर ट्रांसफर स्थगित किए है। लेकिन अभी तक इन शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं हुए हैं। गोविंद सिंह डोटासरा के शिक्षा मंत्री रहते हुए एक बार ऑनलाइन आवेदन भी आमंत्रित किए थे। जिसमें लगभग 85000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए अप्लाई किया था। लेकिन उसके बाद से ही सरकार के द्वारा ट्रांसफर पॉलिसी का राग अलापा गया है।
अभी तक ट्रांसफर ना होने के कारण तृतीय श्रेणी शिक्षक काफी असंतुष्ट हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने धरातल पर उतरकर कई बार जयपुर धरना प्रदर्शन भी किए हैं। लेकिन हर बार उन्हें स्थानांतरण धरना प्रदर्शन झूठे आश्वासन देकर खत्म करवाया गया है ।
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पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पूर्व में भी कह चुके हैं की तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर नए करने पर सरकार को लगभग 15 विधानसभा क्षेत्र में इसका खम्याजा भुगतना पड़ सकता है। यदि सरकार चाहे तो दो से तीन दिनों के अंदर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर कर सकती है क्योंकि अभी जैसे आप देख रहे हैं। महात्मा गांधी शिक्षकों के पदस्थापन किया जा रहे हैं। सरकार चाहे तो एक दिन फॉर्म ऑनलाइन अप्लाई करवा कर दूसरे दिन ही लिस्ट जारी करके उनके पदस्थापन जारी कर सकते हैं।
Caste Census / जातिगत जनगणना
बिहार में अभी हाल ही में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा को बांसवाड़ा में हुई सभा में राहुल गांधी की मौजूदगी में जातिगत जनगणना करवाने की घोषणा की गई थी। राहुल गांधी ने भी जातिगत जनगणना पर अपने पक्ष पर विचार रखे हैं। कांग्रेस जातिगत जनगणना के आधार पर एससी एसटी में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या को साधने का वार्षिक प्रयास करने की कोशिश करेगी कांग्रेस के विधायक के हरीश चौधरी पूर्व में ही सरकार से जातिगत जनगणना की मांग कर चुके हैं। कांग्रेस सरकार के पास में अभी सबसे बड़ी अड़चन यह है। कि जातिगत जनगणना के वादे को वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें या फिर सामाजिक व न्याय अधिकारिता विभाग के द्वारा इसकी शुरुआत की जाए।
Diwali bonus / दीपावली पर सरकारी कर्मचारियों का बोनस
राज्य सरकार दिवाली पर राज्य कार्मिकों को दिवाली बोनस / Diwali bonus प्रदान करती है आचार संहिता के कारण अटक सकता है क्योंकि पिछली बार की तरह ही इस बार भी चुनाव नवंबर दिसंबर माह में होने हैं। इस बार दीपावली 12 नवंबर को है। उससे पूर्व में ही आचार संहिता लग जाएगी राज्य सरकार को करीब साढे तीन लाख कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा करनी है। आचार संहिता के लगने के बाद यदि सरकार बोनस की घोषणा करती है तो उसे आयोग के निर्णय का इंतजार करना होगा या उसका परमिशन लेना होगा।
विगत 2018 में राज्य सरकार को आचार संहिता में कर्मचारियों की बोनस की फाइल निर्वाचन विभाग के पास में भेजनी पड़ी थी निर्वाचन विभाग के द्वारा बोनस की फाइल को अप्रूवल देने के बाद राज्य कर्मचारियों को दिवाली बोनस दिया गया था राजस्थान राज्य के कर्मचारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि आचार संहिता लगने से पहले ही दिवाली बोनस की घोषणा करनी चाहिए जिससे अनावश्यक रूप से आयोग के नियम प्रावधानों में बोनस प्रकरण में न फंसे और राज्य कर्मचारियों को दिवाली का बोनस सही समय पर प्राप्त हो सके
तीन नए जिलों का सीमांकन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा 6 अक्टूबर को राजस्थान में तीन और नए जिलों के बनाने की घोषणा की गई। इन तीन जिलों में सुजानगढ़ मालपुरा कुचामन शामिल किए गए हैं। नवीन जिले बनाने के लिए गठित रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल 31 मार्च 2024 तक किया गया है। अभी वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा तीन नए जिले बनाने की घोषणा की गई है। उनकी सिफारिश से अब राम लुभाया कमेटी को भेजी जाएगी। राम भुलाया कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रदान करेगी। उसके आधार पर तीनों जिलों का नया सीमांकन किया जाएगा। सीमांकन के बाद में इसका नोटिफिकेशन होगा। नोटिफिकेशन के आधार पर ही इन तीन जिलों की कल्पना धरातल पर आएगी। आचार संहिता में समय काफी कम है। इससे इन तीन जिलों के सीमांकन पर संशय के बादल गहरा रहे हैं।